इलाहाबाद नगर निगम अपने एक नोटिस की वजह से हंसी और आलोचना का पात्र बन गया है। दरअसल इलाहाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने हिन्दी की मशहूर कवयित्री महादेवी वर्मा को नोटिस भेजकर उन्हें 48 हजार रुपये बतौर हाउस टैक्स चुकाने को कहा है। हिन्दी साहित्य की अग्रणी कवयित्री महादेवी वर्मा का निधन लगभग 30 साल पहले 11 सितंबर 1987 को ही हो चुका है। उनके गुजरने के इतने लंबे समय बाद आए इस नोटिस को लेकर लोग हैरान हैं। नगर निगम के इस फैसले से साहित्य जगत स्तब्ध है तो निगम के अधिकारी इस फैसले को सही ठहरा रहे हैं। बता दें कि इलाहाबाद के अशोक नगर में महादेवी वर्मा का आवास स्थित है। इस आवास में अब उनका दत्तक पुत्र रामजी पाण्डेय का परिवार रहता है। इस आवास पर अब तक 28,172 रुपये का हाउस टैक्स बकाया बताया गया है। इसमें 16 हजार 644 रुपये बतौर बयान जोड़ा गया है। इसके अलावा इस रकम में चालू वर्शा का 3234 रुपये टैक्स और 25 रुपये और जोड़कर नोटिस भेजा गया है।
इस मामले में नगर आयुक्त हरिकेश चौरसिया का कहना है कि यह नोटिस गलती से जारी हुआ है। उन्होंने कहा कि गृह कर विभाग हाउस टैक्स के वसूली में जुटा है। इसी अभियान में उन्होंने कवयित्री महादेवी वर्मा के नाम से नोटिस जारी कर दिया है। विभाग का कहना है कि मामला सामने आने के बाद नोटिस रद्द कर दिया गया है। निगम के मुताबिक अब असली गृहस्वामी को नोटिस जारी किया जाएगा। बता दें कि महादेवी वर्मा को हिन्दी साहित्य में छायावाद के चार स्तंभों में से एक माना जाता है। महादेवी वर्मा ने अपनी रचनाओं में नारी मुक्ति को स्वर दिया है।