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कुशीनगर जिले का सबसे संवेदनशील सेवरही का बहुप्रतीक्षित ढोल अखाड़े का मेला सकुशल संपन्न, प्रशासन ने ली राहत की सांस

Kushinagar district’s most sensitive Dhol-Akhara is Successfuly done, the administration breathed a sigh of relief.

      

कुशीनगर, उत्तर प्रदेश।

उत्तर प्रदेश बिहार सीमा पर स्थित सेवरही एक अत्यंत ही संवेदनशील कस्बा है जहां का सबसे मशहूर ढोल अखाड़ा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरे धूमधाम से मनाया गया जिसमें लगभग 75000 लोगों ने भाग लिया। इस मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के 600 जवान तैनात किए गए थे जिसमें 4 डीवाईएसपी एक SDM 13 थानों की फोर्स दो कंपनी पीएसी 50 महिला पुलिसकर्मी तथा लगभग 4 दर्जन होमगार्ड के जवान तैनात किए गए थे।  24 घंटे के इस डोल अखाड़े में जिलाधिकारी कुशीनगर अनिल सिंह पद पद और पल-पल की जिला मुख्यालय से जानकारी लेते रहे। अपर पुलिस अधीक्षक और एडीएम कुशीनगर ने भी सेवरही पहुंचकर पूरी व्यवस्था का जायजा लिया।

बताना उचित होगा कि सेवरही का यह मशहूर ढोल अखाड़ा वर्ष 1964 से शुरू हुआ था और अनवरत चलता हुआ इस वर्ष 2018 तक, निर्विघ्न रुप से संपन्न हुआl हनुमान जी की झांकियों के पीछे चलने वाले आठ अखाड़ों ट्रैक्टर ट्राली पर सवार आर्केस्ट्रा वाले अपने गीत संगीत से लोगों का मनोरंजन करते रहे। उन्हीं के पीछे पीछे उत्तर प्रदेश बिहार से आई हुई जनता तरह-तरह के कलाकारों की कला और आर्केस्ट्रा का आनंद लेते हुए चंनरी चौराहे से पश्चिमी रेलवे ढाले तक पैदल चलकर उसका लुत्फ लेते रहे। 31 अगस्त रात 10:00 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम 1 सितंबर 2018 की शाम तक विविध कार्यक्रमों और नृत्य तथा ढोल मजीरा के बीच अनवरत चलता रहा नगर के युवाओं समेत उत्तर प्रदेश बिहार के ग्रामीण अंचलों से आए हुए नर-नारियों ने भरपूर इस मेले का आनंद लिया मेले की समाप्ति पर थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि सुरक्षा के व्यापक इंतजाम क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज आर के तिवारी के नेतृत्व में पूरी व्यवस्था के साथ मौजूद रहा जिसके चलते यह डोल का कार्यक्रम शांतिमय ढंग से खुशनुमा माहौल में संपन्न हो सका।

  • हरेंद्र कुमार द्विवेदी (पत्रकार)

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