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बिजली पहुंची नहीं लेकिन पहले ही हाथ में बिल थमा दिया

लखनऊ: लखनऊ के इस गांव में आजादी के सात दशक बाद भी रोशनी नहीं पहुंची है तो दूसरी ओर का आलम यह है कि ग्रामीणों को 518 रुपये के बिल थमा दिए गए। अब ग्रामीण मोहनलालगंज बिजली घर के चक्कर लगा रहे हैं और वहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

मोहनलालगंज उपकेंद्र से पोषित अहमदपुर खालसा गांव का आज तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है। यहां ग्राम प्रधान विजय ने प्रयास किए तो गांव के बाहर तक कुछ बिजली के खंभे जरूर खड़े कर दिए गए, लेकिन तार व ट्रांसफॉर्मर लगाने जैसी औपचारिकताएं महीनों बाद भी नहीं हो सकी। आज भी सैकड़ों घरों में यहां शाम के छह बजते ही अंधेरा हो जाता है। यहां रहने वाले हरीशचंद्र, भगेलू व उमेश कहते हैं कि उनका जीवन अभी तक बिजली के बिना रहा है।

आगे आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिले इसके लिए हम सब गांव में विद्युतीकरण चाहते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं गांव में बिजली की खबर से प्रधान ने मुफ्त में बिजली का कनेक्शन दिलवाने का वादा किया था।

इसी क्रम में उन ग्रामीणों से बीपीएल कार्ड की प्रति ले ली गई जो इच्छुक थे। महीनों बाद इनके यहां बिजली तो नहीं आई लेकिन घरों में 518 रुपये के बिल जरूर पहुंच गए। अब गांव में यह लोग हंसी के पात्र बने हैं। कुछ ग्रामीण कहते नहीं थक रहे कि बिजली लेने चले थे, झटका दिया न, जाओ और बिजली ले लो।

जब इन ग्रामीणों ने मोहनलालगंज बिजली घर पहुंचकर अपनी पीड़ा यहां तैनात कर्मियों को बताई तो कर्मियों ने समस्या हल करने के बजाए उन्हें टरका दिया। गांव में रहने वाले सुनील कुमार, हरीशचंद्र, बैजनाथ, गणोश सहित कई ग्रामीण हैं जिनके पास बिजली के बिल पहुंचे हैं।

सुनील कहते हैं कि उन्हें बिल की चिंता नहीं है, लेकिन मुफ्त का कनेक्शन देने की बात करने वाला बिजली विभाग गरीब को ही क्यों छल रहा है। सुनील जल्द ही मुख्यमंत्री से जनता अदालत में मिलने की तैयारी कर रहे हैं।

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