featuredलखनऊ

सोशल आडिट सदस्यों पर किया गया लाठीचार्ज

लखनऊ:  विधान सभा सत्र के पहले ही दिन नवीनीकरण की मांग को लेकर विधान भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे मनरेगा के सोशल आडिट सदस्यों को पुलिस की लाठी खानी पड़ी। सरकार विरोधी नारेबाजी और घेराव के प्रयास पर पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें दो महिलाओं समेत छह लोगों को चोटें आईं हैं। जबकि, एक सदस्य के हाथ में फ्रैक्चर भी हुआ है।

मनरेगा के अंतर्गत होने वाले विकास कार्यों की निगरानी व भ्रष्टाचार की जांच के लिए ग्राम स्तर पर नियुक्त सोशल आडिट सदस्यों ने सोमवार को काफी संख्या में एकत्र होकर विधान भवन के घेराव का प्रयास किया। शासन स्तर पर वार्ता न कराए जाने से नाराज सदस्य प्रदेश सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए विधान भवन के मुख्य द्वार की तरफ बढऩे लगे। इस पर भारी संख्या में तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन उनके आगे बढऩे पर पुलिस ने उन्हें भगाने के लिए लाठीचार्ज कर दिया।

लाठीचार्ज में कई लोगों को चोटे भी आई हैं, जिन्हें साथियों ने सिविल अस्तपाल में भर्ती कराकर इलाज कराया। घायलों में सुशीला देवी बनारस, लक्ष्मी वर्मा लखीमपुर, हरिवंश सिंह आजमगढ़, रंजीत सिंह फर्रुखाबाद, शिवकुमार कानपुर, शिवमूर्ति बांदा से हैं। लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर भी धरने पर बैठे, जिन्हें पुलिस ने शाम पांच बजे वहां से भी खदेड़ दिया। रायबरेली से आए सोशल आडिट सदस्य सुरेश सोनी ने बताया कि वह लोग पिछले पांच साल से कार्यरत हैं।

अब सरकार ने उनका नवीनीकरण के बजाय नए सोशल आडिट सदस्यों के लिए दो मई को विज्ञप्ति निकाली है, जो गलत है। उनकी मांग है कि सरकार प्रदेश भर में कार्यरत 43 हजार सोशल आडिट सदस्यों का नवीनीकरण कराए और नए सदस्यों की नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति को निरस्त करे। सदस्यों ने निर्धारित मानदेय (पांच सौ रुपये) बढ़ाने की मांग की।

Leave a Reply

Exit mobile version