लखनऊ: तराई में कहर बरपा रहीं नदियों का जलस्तर कहीं कम कहीं ज्यादा है पर खतरे के निशान से अभी ऊपर है। पानी घटने से कटान बढ़ी है जिससे लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। घाघरा, सरयू, राप्ती, गोर्रा आदि नदियां कहर बसपा रहीं है। जलभराव ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है। प्रशासनिक इंतजाम भी नाकाफी है। मुख्यमार्गों पर बहाव होने से बाढ़ पीडि़त अपने जरूरत के सामान नहीं खरीद पा रहे हैं।तस्वीरों में देखें-बाढ़ के पानी से घिरे यूपी के हजारों गांव
गोंडा में घाघरा व सरयू में पानी घटा है। एल्गिन-चरसड़ी तटबंध परसपुर क्षेत्र में कट गया है, जिससे पानी गांवों की तरफ फैल रहा है। बाढ़ कार्यखंड के अनुसार एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर ऊपर है। अयोध्या में सरयू लाल निशान से 93 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। बाढ़ की जद में जिले की 100 ग्राम पंचायतों के 600 मजरे आ गए हैं। श्रावस्ती में सामान्य जन जीवन अस्त-व्यस्त है। स्कूलों में पानी और कीचड़ होने से शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई है। लखीमपुर में शारदा में एक लाख 11 हजार 707 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर 134. 35 रिकॉर्ड किया गया है।
बहराइच में मिहींपुरवा, नानपारा, महसी, कैसरगंज तहसीलों में बाढ़ का कहर जारी है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 69 सेमी ऊपर बह रहा है। 103 गांवों के 547 मजरों में तबाही का मंजर जारी है। बाढ़ से सैकड़ों घर ढह गए हैं। बेलहा-बेहरौली तटबंध पर डेरा डाले हुए हैं। 45 गांवों का संपर्क मार्ग अब भी अवरुद्ध है। बाढ़ से तकरीबन 50 विद्यालयों में ताले लटक रहे हैं। 45 गांवों का संपर्क मार्ग अवरुद्ध है। लगभग चार लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
एनडीआरएफ व प्रशासनिक टीमें बाढ़ पीडि़तों के राहत व बचाव के कार्यों में जुटी हैं। फैजाबाद में सरयू का जलस्तर लालनिशान से 99 सेंटीमीटर ऊपर स्थिर है। सीतापुर में शारदा, घाघरा व चौका के जल स्तर में गिरावट हुई है। शारदा नदी ने मेउड़ी छोलहा ग्राम पंचायत के पासिनपुरवा में 15 परिवारों के घरों को काटकर उन्हें बेघर कर दिया है। शनिवार की दोपहर तक चौका लाल निशान से पांच सेमी नीचे खिसक गई है, जबकि घाघरा का जल स्तर खतरे के निशान से 25 सेमी नीचे आ गया है। बाराबंकी में घाघरा खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर है। बलरामपुर में राप्ती निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर है।
बारिश से वेस्ट यूपी तरबतर
मेरठ सुबह से तीसरे पहर तक कई बार तेज बारिश से भीगता रहा। नगरीय इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गयीं और नाले उफन गए। देहात में भी जमकर बादल बरसे। मुरादाबाद सुबह और दोपहर को बूंदाबांदी हुई। नदियों का जलस्तर समान्य है। वहीं सम्भल में झमाझम बारिश हुई। शहर और कस्बों में जल भराव की स्थिति हो गई। अमरोहा में भी फुहार पड़ी। रामपुर में बादल तो छाए रहे पर बारिश नहीं हुई। बिजनौर में सुबह से शाम तक रुक-रुककर तेज बारिश होती रही। शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं। उधर खादर के इलाके में गंगा डेढ़ सौ साल पूर्व के स्थान पर तेजी से कटान करते हुए पहुंच गई है।
तीन दिन में सैकड़ों बीघा भूमि गंगा में समा गयी। बुलंदशहर भी जमकर भीगा। सहारनपुर में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। बेहट तहसील क्षेत्र में बरसाती नदियों में बाढ़ के हालात हैं। तेज बहाव मेें मिर्जापुर में एक डंपर भी बह गया। कई गांवों का संपर्क कट गया है। ग्रेटर नोएडा पूरे दिन बारिश हुई। आगरा, मथुरा और फीरोजाबाद में सुबह बूंदाबांदी हुई। जिले में रही। अलीगढ़ के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई।