लखनऊ. सीएम योगी को काले झंडे दिखाने के आरोप में गिरफ्तार छात्रों की रिहाई की मांग को लेकर शनिवार को आइसा के छात्रों ने हजरतगंज गांधी प्रतिमा पार्क पर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान हंगामा कर रहे छात्रों पर लाठी फटकारते हुए पुलिस ने खदेड़ दिया। आगे पढ़िए क्या है पूरा मामला…
-बीते बुधवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के गेट पर सपा छात्रसभा और आईसा के सदस्यों ने योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाए थे। कुछ तो सीएम की गाड़ी तक पहुंच गए थे।
-शासन ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक मानते हुए 14 छात्रों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। साथ ही एक सब इन्स्पेक्टर सहित 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
-सपा सूत्रों की मानें, तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रदर्शन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
अखिलेश यादव की नजर में हिट होने के लिए किया हंगामा
– सपा सूत्रों का कहना था, समाजवादी छात्रसभा के सदस्यों ने अखिलेश यादव की नजर में आने के लिए यह प्रदर्शन किया था। अखिलेश को इस प्रदर्शन के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन अब सपा छात्र नेताओं के समर्थन में है।
– योगी के ऊपर आतंकी खतरा भी है, इसको देखते हुए शासन ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक माना था।
– दरअसल, काले झंडे दिखाते-दिखाते छात्र नेता सीएम की गाड़ी तक आ पहुंचे थे। अब पुलिस प्रशासन चूक कहां हुई, इसके कारण ढूंढ़ने में लगा है। बता दें, हाल ही में गृह मंत्रालय ने आतंकी खतरे को देखते हुए योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा बढ़ाई थी।
योगी ने कहा- ये उनकी मानसिकता है
– हिंदवी स्वराज दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।
– योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में बोलते हुए उन स्टूडेंट्स का भी जिक्र किया, जिन्होंने काले झंडे दिखाने की कोशिश की थी।
– कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, जब मैं आ रहा था तो कुछ छात्र इसका विरोध कर रहे थे कि हिंदवी स्वराज नाम क्यों रखा गया।
– योगी ने कहा था, जो इतिहास नहीं जानता वो भूगोल की रक्षा नहीं कर सकता, ये उनकी मानसिकता दिखा रही है।
– सीएम ने कहा, इस तरह का विरोध करना सही बात नहीं है। शैक्षिक संस्थानों में कुछ वामपंथी विचारधारा के स्टूडेंस सक्रिय हैं, जो इस तरह की हरकत कर रहे हैं। उन पर रोक लगाए जाने की जरूरत है।
औरंगजेब महान नहीं था
– योगी ने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज महान थे। औरंगजेब महान नहीं था।
– कुछ वामपंथी विचारधारा के लोग हिंदवी स्वराज्य दिवस प्रोग्राम का विरोध कर रहे हैं। ये ठीक बात नहीं है।
– कुछ इतिहासकारों ने हमारे देश में रहते हुए देश का जूठन खाकर हमारे देश के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।
– शैक्षिक संस्थानों में वामपंथी विचारधारा को बढ़ने से रोकने की जरूरत है।
– मराठी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए एलयू में एक बेंच की स्थापना की जाएगी।
– वामपंथी विचारधारा के लोगों ने हमेशा ही देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश की है।
– देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।