लखनऊ.हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि पेट्रोल पम्पों में चिप लगाकर घटतौली करने में शामिल लोगों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने सरकार से विशेष तौर से जानकारी मांगी है कि घटतौली करने वालों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया के तहत क्या कार्रवाई की गई। कोर्ट ने 22 मई को अपराधिक कार्रवाई का पूरा ब्यौरा भी तलब किया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार द्वितीयद्ध की खंडपीठ ने डॉ.अशोक निगम और पवन बिस्ट की जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में तमाम पेट्रोल पम्पों में चिप लगाकर घटतौली किए जाने के मुद्दे को उठाते हुए कहा गया है कि इस धांधली में शामिल लोगों ने इस कृत्य के द्वारा भारतीय दंड संहिता के तहत कई दंडनीय अपराध कर डाले हैं। लिहाजा इन सभी के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
याचिका में यह भी कहा गया है कि पकड़े जाने पर पेट्रोल पम्प मालिकों द्वारा हड़ताल भी की जा रही है, जो सीधे-सीधे सरकार को ब्लैकमेल करने का प्रयास है। इसलिए पेट्रोल पम्पों के बाबत एस्मा लगाने का आदेश सरकार को देना चाहिए और ऐसे सभी पम्पों का लाइसेंस निरस्त किया जाए।
याचिका में दोषी पाए गए पेट्रोल पम्पों का नाम प्रकाशित कराने के साथ-साथ आयकर विभाग को भी इस मामले को देखने के निर्देश देने की मांग की गई है। याची की ओर से कहा गया कि किसी भी प्रकार की शिकायत करने के लिए उपभोक्ताओं की जानकारी के लिए टेलीफोन नम्बर और ई-मेल एड्रेस सभी पम्पों पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।