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मोदी सरकार ने 3 साल में शिक्षा नीति पर नहीं किया कोई काम

लखनऊ.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री विनय बिंद्रे ने कहा कि लखनऊ में पिछले दिनों शुरू हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 6 प्रस्ताव पारित किए गए हैं। हमारा मकसद युवाओं को गलत दिशा में जानें से रोकना है, हम उनकी ऊर्जा का इस्तेमाल देश हित में करना चाहते हैं। हमारा मकसद सफेदपोश माओवादियों और नक्सलियों को बेनकाब करना है। 3 साल की मोदी सरकार ने शिक्षा में बदलाव को लेकर काम नहीं किया, इसे रोजगार परक बनाने पर जोर देना होगा।
केंद्र सरकार ने 3 सालों में अच्छी शिक्षा नीति को लेकर कोई काम नहीं किया
– यूजीसी का इंडियन एजुकेशन में बहुत बड़ा रोल है। यूपीए सरकार ने इसे हटाने की कोशिश की थी। अब हमारी सरकार है, लेकिन इसके बदलावों पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही है। हमारे यहां की शिक्षा को रोजगार परक बनाए जानें की जरूरत है।
– केंद्र सरकार से आग्रह है कि जल्द से जल्द नई शिक्षा नीति लागू हो। 3 साल के बाद अभी तक नई शिक्षा नीति लागू नहीं हुई है, जिससे सही एजूकेशन नहीं मिल पा रही है। नई शिक्षा नीति में 2 विषय है।
– एक विशेष हेल्थ एजुकेशन पॉलिसी की जरूरत है। दूसरी सामान्य शिक्षा को रोजगार परक बनाए जानें की।

एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 6 प्रस्ताव पारित
– एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 6 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद उन्हें पारित किया गया है।
– जिनमें मुख्यरूप से सफेदपोश माओवादियों के खिलाफ है। सुकमा में नक्सली हमला चिंता का विषय है। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
– कुछ सफेदपोश लोग भी माओवादियों का साथ दे रहे हैं, नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, जिनमें नन्दिता सुंदर, बेला भाटिया हैं। उनपर कार्रवाई हो।

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