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लखनऊ: तीन घायल को एयर एम्बुलेंस से भेजा गया AIIMS दिल्ली…

लखनऊ: रायबरेली में एनटीपीसी की छठवीं यूनिट में कल बिजली उत्पादन के दौरान ब्वॉयलर में विस्फोट हो गया। जिसमें दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत के बाद गंभीर रूप से घायल को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का प्रयास हो रहा है। रायबरेली से अधिकांश घायलों को लखनऊ शिफ्ट कर दिया गया था।

इनमें से तीन को आज ग्रीन कॉरीडोर बनाकर एयर एम्बुलेंस से नई दिल्ली शिफ्ट किया गया। लखनऊ पुलिस ने जल्द से जल्द घायलों को एम्स दिल्ली भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया। ग्रीन कॉरिडोर के जरिये सिप्स से एयरपोर्ट तक ट्रैफिक को पूरी तरह से रोका गया। ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर देकर एनटीपीसी हादसे के तीन घायलों को एम्बुलेंस से सिफ्स हॉस्पिटल से लेकर 22 मिनट 3 सेकेंड में एयरपोर्ट पहुंचाया। 10:45 बजे हॉस्पिटल से एम्बुलेंस हुई थी रवाना। 11:07:03 बजे एयरपोर्ट पहुंची।

अमौसी एयरपोर्ट से विशेष विमान से एनटीपीसी के 3 घायलों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया। इसके लिए लखनऊ में ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया। इनको सिप्स से अमौसी एयरपोर्ट तक एम्बुलेंस से शिफ्ट किया गया। नवीनतम तथा श्रेष्ठ सुविधाओं वाली एम्बुलेंस को रन-वे के नजदीक तक ले जाया गया।

उधर लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में भर्ती 25 में से पांच की मौत हो गई थी। इन मृतकों में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोग शामिल हैं।

मृतकों के परिवार के लोगों को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो-दो लाख रुपया आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

इसके साथ ही गंभीर रूप से घायलों को 50-50 तथा सामान्य घायलों को भी 25-25 हजार रुपया की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। सभी का इलाज मुफ्त किया जा रहा है। देर रात उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और स्वामी प्रसाद मौर्या भी सिविल अस्पताल में घायलों को देखने के लिए गए थे।

गौरतलब है कि एनटीपीसी उंचाहार की छठी इकाई में कल दोपहर में तेज धमाका हुआ था। नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) ऊंचाहार परियोजना के संयंत्र क्षेत्र में नवनिर्मित पांच सौ मेगावाट क्षमता की छठी इकाई में बिजली उत्पादन का काम चल रहा था।

दोपहर ब्यॉयलर की ऐश पाइप में अचानक तेज आवाज के साथ धमाका हो गया। लगभग 90 फीट ऊंचाई पर विस्फोट हुआ और प्लांट के चारों ओर गर्म राख फैल गई।

ब्वॉयलर के आसपास दो सौ से ज्यादा एनटीपीसी के कर्मचारी, अधिकारी व निजी कंपनी के श्रमिक काम में जुटे थे।

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