लखनऊ: राजधानी लखनऊ के बस स्टॉप भी अब लंदन और सिंगापुर की तर्ज पर हाईटेक होंगे। इसके लिए नगर निगम ने रूपरेखा तैयार कर ली है। नगर निगम ने परिवहन विभाग से शहर में चलने वाली सिटी बसों के रूट की जानकारी जुटा ली है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत बस शेल्टरों को हाइटेक बनाया जाएगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी योजना की टीम ने इन सभी बस स्टॉप के चिन्हित करने का काम पूरा कर लिया है। 200 प्रमुख स्थानों के बस स्टॉप होंगे हाइटेक
-शहर के 200 प्रमुख स्थानों पर स्मार्ट बस शेल्टर बनाने की तैयारी है। पहले चरण में स्मार्ट बस शेल्टर का मॉडर तैयार किया जाएगा। यह मॉडल अशोक मार्ग पर बनाया जाना तय हुआ है। नगर निगम के अफसरों का कहना है कि जल्द ही स्मार्ट बस शेल्टर का मॉडल बन कर तैयार हो जाएगा।
-मॉडल बनने के बाद निजी प्रचार एजेंसियों को अनुबंध के आधार पर स्मार्ट शेल्टर बनाने की अनुमति दी जाएगी। निकाय चुनाव के बाद शहर में बस शेल्टरों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
स्मार्ट बस शेल्टर से नगर निगम की आय में होगी बढ़ोत्तरी
-नगर निगम के अफसरों ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में 200 बस शेल्टर बनाने का लक्ष्य है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 30 करोड़ रूपए खर्च होना है। बस शेल्टरों की देखरेख करने के लिए इनकम की सुविधा भी है सभी बस शेल्टरों पर डिजिटल विज्ञापन के लिए डिसप्ले की व्यवस्था होगी।
-जिससे बस शेल्टर की सुविधा देने वाली एजेंसी को व्यवसायिक लाभ मिले। अफसरों ने बताया- “स्मार्ट बस शेल्टर से प्रचार नियमावली के अनुसार सरकारी दरों पर शुल्क वसूला जाएगा। जिससे नगर निगम को राजस्व भी मिलेगा।”
रखरखाव पर 40 लाख होगा वार्षिक खर्च
-बस शेल्टर स्टॉप पर दो ई-टायलेट सीट व प्रचार के लिए डिसप्ले के पर 28.55 लाख, वार्षिक अनुरक्षण व संचालन पर 8.40 लाख एंव उपकरणों के वार्षिक रख रखाव पर 2.85 लाख का खर्च होगा।
-स्मार्ट बस शेल्टर बनने के बाद मौजूदा बस शेल्टरों को भी इसी तरह से अत्याधुनिक करने का प्रस्ताव है। सभी बस शेल्टर पर 24 घंटे पावर बैकअप होगा। बिजली कटने पर भी पर डिजिटल डिसप्ले बोर्ड समेत पूरा स्टिम काम करेगा। इसके लिए एक शेल्टर पर पांच किलोवाट बिजली लोड की जरूरत होगी।
पुराने बस शेल्टरों को हटा कर बनेंगे नए
-स्मार्ट बस शेल्टर बनने के बाद पुराने बस शेल्टरों को हटा दिया जाएगा। योजना के सभी बस शेल्टर आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। बस शेल्टर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस होंगे। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत यहां लोगों को डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड के जरिए बसों की समय सारणी और अन्य जानकारी उपलब्ध होगी।
-इसके आलावा प्रदूषण स्तर की भी जानकारी डिसप्ले में दिखाई देगी। सभी सुविधाओं के साथ इनमें सिटी लेवल कंट्रोल सेंटर बनाने समेत सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
-स्मार्ट बस शेल्टरों में बस का इंतजार करने वाले लोगों की सुविधा के लिए ई-टॉयलेट व वाईफाई की सुविधा फ्री में मिलेगी। स्मार्ट बस शेल्टरों में बने टॉयलेट पूरी तरह से हाइटेक बनाने की योजना है। बताया जा रहा है कि इनका डोर आटोमेटिक होगा। टॉयलेट के कार्य, बिजली व सफाई को लेकर किसी प्रकार की समस्या होने पर इसमें अलार्म सिस्टम भी रहेगा।
-यह मुख्य सर्वर से जुड़ा रहेगा। सभी शेल्टर में आरओ का साफ पानी भी पीने के लिए उपलब्ध रहेगा। रेलवे व एयरपोर्ट की तरह बसों का वास्तविक व अनुमानित समय भी डिस्प्ले में दिखता रहेगा। शेल्टरों में सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे। प्रमुख स्थानों का रूट मैप भी डिस्प्ले में समय- समय पर प्रदर्शित होगा।
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
-इस बारे में नगर आयुक्त उदयराज सिंह के मुताबिक़- “इसी महीने में मॉडल तैयार हो जाएगा इसकी तैयारी की जा रही है। निकाय चुनाव के बाद टेंडर निकाला जाएगा और स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस पर काम शुरू हो जाएगा।”