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कम कीमत मिलने से नाराज किसानों ने योगी के आवास पर फेंके आलू…

SI News Today

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार बदल गई, पूरा प्रशासन बदल गया, अगर नहीं बदला तो वह है किसानों की दुर्दशा. उत्तर प्रदेश में चाहे गन्ना किसान हो या फिर आलू-प्याज किसान, उसकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, चाहे सरकार किसानों की दशा सुधारने के लाख दावे करे. समस्याओं से परेशान आलू किसानों का धैर्य जवाब दे गया. किसानों ने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा मार्ग पर आलू फेंक कर अपना आक्रोश जाहिर किया. शुक्रवर देर रात किसान ट्रेक्टर-टॉली में आलू भरकर लाए और राजधानी की सड़कों पर फैला दिए.

यूपी में किसान आलू की कम कीमतें मिलने से परेशान हैं. किसानों का इस समय आलू की कीमत पैसों में मिल रही है. इससे किसानों को उनकी फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है. किसानों ने सरकार से आलू की कीमत 10 रुपये किलो करने की मांग की थी, लेकिन सरकार पर उनकी मांग का कोई असर नहीं हुआ. परेशान किसानों ने मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा के सामने आलू फेंक कर अपना गुस्सा जाहिर किया. सुबह जब प्रशासन को इस बात की खबर लगी तो हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने आनन-फानन में सड़कों से आलू उठवाने का काम करवाया, लेकिन तब तक वाहनों के नीचे आकर आलू चारों तरफ फैल चुके थे.

पुलिस करेगी कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि आलू फेंकने वाले किसानों और वाहनों की पहचान हो गई हैं. इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी. लखनऊ ही नहीं प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी आलू किसान सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

रिकॉर्ड उत्पादन
बता दें कि इस बार यूपी में आलू की बंपर पैदावार हुई है. फर्रुखाबाद, आगरा, बाराबंकी, मेरठ, बुलंदशहर और कानपुर ये कुछ ऐसे इलाके हैं जहां आलू की जोरदार खेती होती है और इस साल भी इन इलाकों में आलू की भारी पैदावार हुई है. बंपर पैदावार ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब किसानों को मंडियों में आलू की सही कीमत तो दूर उसकी लागत भी नहीं मिल रही है.

किसान 200 रुपये क्विंटल से भी कम कीमत पर अपना आलू बेचने को मजबूर हैं. इस तरह किसान का आलू 20 पैसे किलो बिक रहा है. कोल्ड स्टोर भर चुके हैं. अब ना तो उन्हें कोल्ड स्टोर में जगह मिल पा रही है और ना ही बाजार में सही कीमत. परेशान किसानों ने आलू तालाबों या सड़कों के किनारे फेंकने शुरू कर दिए हैं.

सरकार ने दिए निर्देश
2016-17 में राज्य में आलू का 155 से 160 लाख टन उत्पादन हुआ है. आलू की बंपर पैदावार को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री से चर्चा की थी. उन्होंने मांग की थी कि यूपी के आलू की खरीद अन्य राज्यों में भी की जाए. अप्रैल को जारी किए गए एक ऑर्डर में यूपी सरकार ने कहा कि अगर कम दाम वाली मंडियों से आलू को महंगे दाम वाली मंडियों में ले जाने का प्रबंध होता है, तो किसानों को उचित मूल्य मिल सकता है. इसके लिए योगी ने जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए थे.

केंद्र सरकार खरीदेगी आलू
किसानों को मूल्यों में गिरावट से राहत देने के लिए केंद्र ने आज कहा कि वह उत्तर प्रदेश से एक लाख टन आलू 4,870 रुपए प्रति टन के मूल्य पर खरीदेगा. इसके अलावा ओवरहेड लागत के लिए अतिरिक्त 1,217.60 प्रति टन अतिरिक्त देगी. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत उत्तर प्रदेश से आलू खरीदने के फैसले को मंजूरी दे दी है. एमआईएस का क्रियान्वयन राज्य एजेंसी द्वारा किया जाएगा. मंत्रालय ने बयान में कहा कि 2016-17 के फसल वर्ष (जुलाई से जून) के आलू को 4,870 रुपए प्रति टन के मूल्य पर खरीदा जाएगा. बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत राज्य एजेंसी द्वारा अधिकतम एक लाख टन आलू की खरीद की जाएगी.

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