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KGMU में अखिलेश यादव के पहुंचने पर अटेंडेंट ने किया हंगाम

लखनऊ. केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में मंगलवार को क‍िसी करीबी से म‍िलने पूर्व सीएम अखिलेश यादव पहुंचे। उन्हें देखते ही अटेंडेंट (पर‍िजन) हंगामा करना शुरू कर द‍िए। उनका आरोप था कि वे अखिलेश से मिलकर अपने पेशेंट के ट्रीटमेंट में बरती जा रही लापरवाही की कम्प्लेन करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उनकी मदद करना तो दूर उनसे बात करना तक उचित नहीं समझा। वे बिना उनके पास रूके वहां से चले गए। किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर वहां से हटाया गया।आगे पढ़‍िए पूरा मामला…
-सिधौली निवासी सुनील मिश्रा (32) को रोड एक्सीडेंट के बाद 14 मई को ट्रॉमा सेंटर लाया गया था। उसकी कंडीशन लगातार बिगड़ती जा रही थी। अटेंडेंट डीपी मिश्रा के मुताबिक, पेशेंट को वेंटिलेटर की जरूरत थी, लेकिन उसे न तो वेंटिलेटर प्रोवाइड कराया जा रहा था और न ही डॉक्टर उसके ट्रीटमेंट के बारे में ठीक से जानकारी दे रहे थे।
-मंगलवार की सुबहपेशेंट की तबियत और ज्यादा बिगड़ गई। उसी समय अखिलेश यादव भी ट्रॉमा सेंटर में अपने किसी करीबी को देखने के लिए पहुंचे थे।
-अखिलेश यादव को देखकर वे और उनके साथ कई अन्य अटेंडेट अपनी प्रोब्लम बताने के लिए दौड़ पड़े। अटेंडेट का आरोप है कि अखिलेश यादव ने दूर से ही उन्हें देख लिया, लेकिन उनसे मिला म‍िले बिना ही वहां से चले गए। इस लोग नाराज हो गए।
अटेंडेट के धरना देने के बाद पेशेंट को मिला वेंटिलेटर
-अटेंडेंट डीपी मिश्रा का आरोप है कि उनके पेशेंट को वेंटीलेटर खाली होने के बाद भी जान-बुझकर नहीं दिया जा रहा था, लेकिन जब वे और उनके घरवालें ट्रॉमा सेंटर के बाहर धरने पर बैठ गए, उसके बाद केजीएमयू के अधिकारियों ने उन्हें बुलाकर वेंटिलेटर प्रोवाइड कराया।
– तब जाकर उनके पेशेंट की जान बच पाई। उनका पेशेंट अभी भी ट्रॉमा सेंटर में भी एडमिट है।
क्या कहते हैं अधिकारी
-ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. हैदर अब्बास ने बताया क‍ि कोई धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ है। केवल अखिलेश यादव के आने के कारण भीड़ ज्यादा जमा हो गई थी। पेशेंट के इलाज में लापरवाही की बात एकदम झूठ है।

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