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लखनऊ में 3 महीनें से लापता करोड़पति शख्स पुलिस को मिला, ऐसे हुई पहचान…

लखनऊ: रायबरेली के डीह कस्बे में शनिवार को एक करोड़पति मानसिक विक्षिप्त हालात में सड़कों पर भटकते हुए मिला। एक सिपाही ने उसे बुलाकर पूछताछ की। पता चला कि वह एक जमीदार परिवार से ताल्ल्लुक रखता है और करोड़ों की संपत्त‍ि का वारिस है। पुलिस ने जानकारी लेकर उसके घरवालों से मिलवाया।

ये है पूरा मामला…
– रायबरेली के डीह थाने के सिपाही बृजमोहन यादव ने बताया, ”मैं शनिवार की शाम को डीह कस्बे में एक दुकान पर चाय पी रहा था। अचानक मेरी नजर एक लड़खड़ाते हुए आदमी पर पड़ी। वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था।”
– ”मैं उसके पास जाकर उससे बात करनी चाही तो वो कुछ बोल नहीं पा रहा था। काफी देर बात उसने अपना नाम शिववचन (60) बताया। वह बछरावां के मदारी खेड़ा का रहने वाला है। मेरी पोस्टिंग पहले बछरावा थाने में ही थी।”
– ”मैंने वहां फोनकर अपने लोगों से बातचीत कर शिव वचन का पता सही था। उसके बाद इसके परिजनों को थाने बुलाया गया और इसे उनके हवाले कर दिया गया।”
– शिवबचन के छोटे भाई रमन ने कहा, ”भइया की मानसिक हालत पिछले 10 साल से ठीक नहीं है। 3 माह पहले वह दशहरा मेले देखने गए थे और खो गए। उन्हें खोजने की बहुत कोशिश की गई लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। पुलिस ने भी इनकी तलाश की।”

जमींदार परिवार से है संबंध
– परिवार के लोगों ने कहा, ”शिव बचन के पिता गया बक्स सिंह के नाम लगभग 70 बीघा जमीन है। उनकी 6 दुकानें है, गांव में ही गिट्टी और मौरंग की एक बड़ी दुकान भी है। घर में टू और फोर व्हीलर गाड़ियां भी है।”
– ”शिव बचन ही सारा कारोबार देखते थे, लेकिन उनके बीमार होने के बाद छोटे भाई ने सारी जिम्मेदारियां संभाली। इनका एक बेटा और एक बेटी है। बेटा लखनऊ में इंजीनियरिंग और बेटी बारहवीं की पढ़ाई कर रही है।”

रायबरेली में मिल चुका है करोड़पति
– रायबरेली में भीख मांगते हुए एक बुजुर्ग की पहचान करोड़पति के रूप में हो चुकी है। बताया जाता है कि 26 दिसंबर को वो भीख मांगते हुए अचानक एक कॉलेज में पहुंचा। जब स्कूल के संस्थापक की नजर उसपर पड़ी तो उन्होंने उसे खाना खिलाकर नहलाया धुलाया।
– जब उनके कपड़ों की तलाशी ली गई तो जेब से आधार कार्ड के साथ एक करोड़, 6 लाख, 92 हजार 731 रुपए की एफडी के कागजात मिले। आधार कार्ड से पहचान हुई कि बुजुर्ग तमिलनाडू का करोड़पति व्यापारी है। ये बात जब उसके घरवालों को पता चली तो वे उसे लेने के लिए रायबरेली आए और फिर से प्लेन से अपने साथ ले गए।

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