सोशल मीडिया पर अफसरों के जज्बात बयां करने से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार घिर रही है। इस बार यूपी में आईजी रूल्स एंड मैनुअल्स के पद पर तैनात अमिताभ ठाकुर ने कविता के जरिए इशारों ही इशारों में फर्जी मुठभेड़ों पर सवाल उठाए हैं। नोएडा आदि जगहों पर कुछ विवादित मुठभेड़ की घटनाओं के बाद विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरता आया है। ऐसे में आईपीएस की इस पोस्ट ने मामले को और गंभीर रूप दिया है। आइजी अमिताभ ठाकुर ने फेसबुक पर दो पोस्ट लिखी है, जिसे मुठभेड़ों पर सवाल उठाने के नजरिए से देखा जा रहा। पहली पोस्ट में उन्होंने लिखा है-तुमने कितने मारे,
तुमने कितने मारे,
इतने कम क्यों मारे,
बस इतने ही मारे?
इस पोस्ट पर विशाल भारतीय नामक शख्स ने कहा, ‘सर कहीं आपका इशारा उत्तर प्रदेश में हो रहे एककाउंटर को लेकर तो नहीं।’ मित्रपाल सिंह यादव ने कहा, ‘सत्ता के नशे में अंधे रहे उन भ्रष्ट नेताओं को शायद अब समझ में आ गया होगा कि अमिताभ ठाकुर की लड़ाई सपा सरकार से नहीं गलत नीतियों और भ्रष्टाचार से थी। यह जंग आज भी जारी है जबकि सरकार बदल गई है।’ एक अन्य पोस्ट में अमिताभ ठाकुर ने लिखा-आज तो हाथें खोल रहे हो,
वाह-वाह, वाह-वाह बोल रहे हो,
कल इसमें छिपे हैं खतरें,
कुछ तो अभी ही दिखने लगे हैं.
बमुश्किल खेल ये बंद हुआ था,
यहाँ वहां जब जेल हुआ था,
दे बन्दर के हाथ उस्तरा,
बढ़ा दिया सब के गले का खतरा.
इस पोस्ट पर प्रशांत वर्मा ने लिखा-सर खुलकर बात करें डरे नहीं। लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा-प्रदेश में अब भी हालात अच्छे नहीं है, पहले वाले गुंडे ज्यादा सक्रिय हैं, जिन्होंने मेहनत की उनको अपने हाल पर छोड़ दिया गया। बता दें अमिताभ ठाकुर अखिलेश सरकार के समय भी बागी आईपीएस अफसर रहे। इसके चलते उन्हें निलंबित भी होना पड़ा। मुलायम सिंह यादव की ओर से फोन पर मिली कथित धमकी के मामले में अमिताभ उनके खिलाफ केस भी दर्ज करा चुके हैं। अमिताभ ठाकुर पहले अफसर नहीं है, जिन्होंने सोशल मीडिया पर लिखकर सिस्टम के खिलाफ भड़ास निकाली है। इससे पहले कासगंज की घटना के बाद बरेली के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह की विवादित फेसबुक पोस्ट वायरल हुई थी तो हंगामा मचा था। फिर अमेठी के एसडीएम की भी लंबी बैठकों के खिलाफ लिखी पोस्ट भी वायरल हुई। अब अमिताभ ठाकुर ने कविता के जरिए निशाना साधकर सियासी और प्रशासनिक गलियारे में हलचल मचा दी है।