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अपनी मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने बाल मुंडवाकर किया विरोध प्रदर्शन

Shiksha-Mitra by hair shaving protested for their demands.

        

शिक्षामित्रों ने गोमती नगर के ईको गार्डेन में समायोजन रद्द होने के बाद अपनी मांगों को लेकर उन्होंने अपने बाल मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की, जिसकी वजह से शिक्षा-मित्र एक बार फिर उग्र हो गए। धरने के दौरान पुरुषों के साथ साथ महिला शिक्षा-मित्रों ने भी सर के बाल मुंडवा कर प्रदर्शन किया ।

शहीद हुए शिक्षामित्रों के लिए प्रदेश भर के शिक्षामित्रों ने श्रंद्धांजलि दी। इसमें दूसरे पहर तपन, श्राद्ध किया। उन्होंने मृतकों के परिवारीजनों के लिए आर्थिक सहायकता की भी मांग की। 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद से ही शिक्षामित्र आंदोलन कर हैं। हाथों में तिरंगा लिए हक की मांग को लेकर शिक्षामित्र धरना स्थल से बाहर इकोगार्डन गेट पहुंच गए। नारेबाजी करके विरोध जताया और कहा कि महिलाओं के अपमान के बाद भी सरकार नहीं मानती है तो करो या मरो की नीति अपनाई जाएगी। ACM तृतीय ब्रजेन्द्र कुमार ने समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

आम शिक्षक/शिक्षामित्र एसोसिएशन के बैनर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सन्तोष दुबे का कहना है कि सरकार यदि मांगों को पूरा नहीं करेगी तो प्रदर्शन और उग्र रूप ले लेगा। उनकी मांगे है कि-

1- RTE एक्ट 2009 के तहत पूर्ण शिक्षक का दर्जा और वेतनमान।
2- उत्तराखण्ड के अनुसार TET उतीर्ण करने की छूट मिले।
3- जो TET उतीर्ण है उन्हें बिना लिखित परीक्षा उम्र और अनुभव का भारांक पर नियमित किया जाय।
4- असमायोजित शिक्षामित्रों को समान कार्य-समान वेतन दिया जाए।
5- मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता व एक सदस्य को योग्यता के मुताबिक नौकरी मिले।

हालांकि, सरकार से शिक्षामित्रों की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। सरकार द्वारा दिये जा रहे मासिक वेतन को लेकर भी शिक्षामित्र खुश नहीं हैं।

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