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विधायक का प्रीतिभोज या शक्ति प्रदर्शन?

The legislator’s Reception party or Realization of Political Strength?

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फैजाबाद।

आज दो दिनों से सारी मीडिया सिर्फ इस वाह-वाही में लगी है कि भाजपा से फैज़ाबाद की गोसाईंगंज सीट से विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने 31 मई को बहुत ही सादे समारोह में शादी कर ली है। 02/06/2018 को उन्होंने अयोध्या में अपने ननिहाल में ग्रैंड रिसेप्शन पार्टी रखी। जिसमे विनय कटियार से लेकर कई बड़े नेता पहुंचे। इनमे केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा, प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, कानून मंत्री बृजेश पाठक,बिहार के विधायक सूरजभान सिंह और राजन तिवारी, बसपा नेता डॉ. ओपी त्रिपाठी, सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद, पूर्व मंत्री ललई यादव, पूर्व विधायक नंदिता शुक्ला, पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत कई अन्य भी पहुंचे। देर रात तक मेहमानों का आना-जाना लगा रहा। उन्होंने सीएम योगी से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह को दावतनामा भेजा था। खब्बू के प्रीतिभोज में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के आने का कार्यक्रम तय था। VVIP मेहमानों के लिए उन्होंने पंडाल के आसपास 6 हेलीपैड भी बनवाएं थे। खब्बू तिवारी ने यूपी विधानसभा 2017 का प्रचार यह कह कर किया था कि जब तक चुनाव नहीं हो जाता शादी नहीं करूँगा। बहरहाल, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व एमएलए अभय सिंह को हरा कर चुनाव जीता और एक साल बाद उन्होंने गोंडा की आरती (पोस्टग्रेजुएट) से शादी कर ली है। यह विवाह सादे समारोह में हुआ था, जिसमे रिश्तेदार और विधायक के कुछ समर्थक ही शामिल हुए थे।
अपनी शादी के प्रीतिभोज के बहाने फैजाबाद के गोसाईगंज विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू ने भारी जमावड़ा व आलीशान इंतजाम कर अपनी सियासी ताकत का एहसास करा दिया। प्रीतिभोज में दिनभर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। बताया जाता है कि रिसेप्शन के लिए 20 हजार ख़ास मेहमान और तकरीबन 1 लाख से ज्यादा सामान्य मेहमानों को न्योता भेजा गया था। बरईपारा में 25 से 30 बीघा क्षेत्रफल में VIP सहित अलग-अलग पांच पंडाल बनाए गए थे। रिसेप्शन पार्टी को ख़ास बनाने के लिए भोजपुरी गायक पवन सिंह, चिंटू सागर और अक्षरा सिंह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। पार्टी में ख़ास मेहमानों के 56 तरह के व्यंजन बनाये गए थे। जिन्हें बनाने के लिए अलग अलग जिलों से ख़ास कारीगर भी बुलाये गए थे। खाने के पंडालों में देशी व्यंजनों के साथ ही दक्षिण भारतीय व अन्य व्यंजन भी परोसे गए। इसके लिए 250 कारीगर सहित 1200 वेटर लगातार अतिथियों की सेवा में लगे रहे। समारोह में खास मेहमानों की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए प्रशासनिक अमला ख़ास तौर पर एक्टिव था। डीएम अनिल कुमार ने बताया कि सुरक्षा के लिए 500 पुलिसकर्मी और 8 मजिस्ट्रेट की विशेष तैनाती की गयी थी। देर रात्रि तक पार्टी में भीड़भाड़ रही।
खब्बू तिवारी ने चुनाव से पहले दिसंबर 2016 में बीजेपी का दामन अमित शाह की मौजूदगी में लखनऊ में थामा था। दरअसल, खब्बू सपा और बसपा दोनों ही पार्टियों में रहे हैं लेकिन बार-बार चुनाव लड़ने के बाद भी एक बार भी वह चुनाव नहीं जीत पाए लेकिन बीजेपी के टिकट पर उन्हें जीत हासिल हो गयी। वह हमेशा अपने दबंग स्टाइल में ही रहते हैं, एक जीता हुआ विधायक 4-6 गाड़ियों से चलते हैं तो खब्बू तिवारी 12-15 गाड़ियों से कम चलते ही नहीं है।

खब्बू तिवारी ने निर्वाचन आयोग को 07 /02 /2017 में अपने दिए हलफनामे में स्वयं की आजीविका का साधन समाजसेवा बताया है, अन्य तीन कॉलम में अपने आश्रितों की संख्या निल बताया है तथा अपने ऊपर विभिन्न धाराओं में चल रहे संगीन आपराधिक व्योरों के अलावा अपने पैन नंबर- AFBPI9237N पर 2015-16 में आयकर Return में कुल आय रु० 2,62,068.00 बताई है तथा चल और अचल संपत्ति का व्योरा इस प्रकार दिया है –
1. चल संपत्ति- (i) हाथ में नकदी- Rs. 2 Lacs (ii)- एक्सिस बैंक S/B A/c – Rs. 32,000.00 (iii)- 2011 मॉडल टाटा सफारी- Rs. 5 Lacs (iv)- १० ग्राम सोने कि चेन और अंगूठी- Rs. 45,000.00 (v)- होम एप्लायंस- Rs 1.5 Lacs समग्र कुल मूल्य – रु० 8,82,000.00
2. अचल संपत्ति- (i)- गोरखपुर में कृषि भूमि (0.750एकड़)- Rs. 2.5 Lacs (ii)- एक आवासीय माकन- Rs. 6 Lacs समग्र कुल मूल्य – रु० 8,50,000.00
3. ऋण- सेंट्रल बैंक, फैज़ाबाद- Rs. 2,42,000.00 ग्रामोद्योग विभाग, दलपतपुर फै० – Rs. 2 Lacs  समग्र कुल देयता मूल्य – रु० 4,42,000.00
अब एक महत्चपूर्ण प्रश्न – जिस व्यक्ति की आजीविका का साधन मात्र समाजसेवा हो, उसके पास चल-अचल सम्पत्ति मात्र 17 लाख 32 हज़ार रूपए हों उसपर बैंक और अन्य वित्तीय देयता 4 लाख 42 हज़ार रूपए हो अर्थात एक तरह से कुल संपत्ति ही मात्र 12 लाख 90 हज़ार रुपये हो, वो व्यक्ति यदि इतने आलीशान तरीके से अपने रिसेप्शन को कराता है, तो मन में कई सवाल उठते है कि जब महीने का 20 हज़ार कामने वाला अपने लड़के का रिसेप्शन अच्छे ढंग से नहीं कर पाता तो इन महोदय को कौन सा अलादीन का चिराग हाथ लग गया कि अपने रिसेप्शन में करोड़ों रूपए खर्च कर दिए और इनका पूरा साथ शासन से लेकर प्रशासन तक ने दिया। आखिर इतना धन इनके पास तो था नहीं, या तो इन्होने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है या तो चुनाव के वक़्त निर्वाचन आयोग को झूठा हलफनामा दिया है, ये जाँच का विषय है।

Resources:- 1. 17th_vs_sadashya_parichay 2. INDRA PRATAP ALIAS KHABBU TIWARI(Criminal & Asset Declaration)

the authorSunil Maurya
Karm se Engineer Mun se Social Activist

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