उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पिछले 10 सालों तक तमाम प्रयासों के बाद गुरुवार को एनएच-58 हाईवे किनारे बने एक मस्जिद को जिला प्रशासन ने हटा दिया। मामला संवेदनशील होने के चलते प्रशासन ने इस कार्रवाई को बड़ी सावधानी से करने की योजना बना रखी थी। मस्जिद को हटाने में वहां के स्थानीय मुसलमानों ने भी प्रशासन का सहयोग किया। हालंकि किसी भी संभावित विरोध या हिंसा को देखते हपए जिला प्रशासन द्वारा वहां भारी पुलिस बल की तैनाती भी हुई थी। बताया जाता है कि इस मस्जिद की वजह से एनएच-58 हाईवे पर रेलवे लाइन के ऊपर बना फ्लाईओवर अधर में था। अब जैसा कि मस्जिद को हाईवे किनारे से हटा दिया गया है तो अब फ्लाईओवर के काम में तेजी आ सकती है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक इससे पहले भी कई बार इस मस्जिद को हटाने की कोशिश की गई थी।
लेकिन हर बार किसी ना किसी विवाद के चलते कार्रवाई पूरी ना हो सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद से ही सांसद संजीव बालियान मस्जिद को हटवाने के लिए प्रयासरत थे। आखिरकार गुरुवार को वहां के स्थानीय निवासियों खासतौर पर मुसलमानों के सहयोग और प्रशासन की सूझबूझ से मस्जिद को हटा दिया गया।
एनएच-58 हाईवे पर फ्लाईओवर और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्रीय परिवाहन मंत्री नितिन गडकरी ने करीब दो सौ बीस करोड़ रुपए भी आवंटित किए थे। हाईवे से मस्जिद हटाने के बाद अब विकास कार्य में तेजी मिलेगी। इस संबंध में भाजपा सांसद संजीव बालियान ने केंद्रीय परिवहन मंत्री का धन्यवाद किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिसकी जमीन पर हटाई गई मस्जिद स्थित थी उस जमीन मालिक को नेशनल हाईवे अथॉर्टी ऑफ़ इंडिया द्वारा लगभग 35 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया गया है।