एक साधु के सपने के आधार पर खजाने की खोज में करीब एक महीना बर्बाद करने वाले उन्नाव में अब खजाना पाने की खातिर बच्चे की बलि देने का मामला सामने आया है। यहां करीब 15 दिन पहले का मामला आज खुल ही गया।
डौंडिया खेड़ा गांव में 1000 टन सोने के खजाने की तलाश के बाद बेहद चर्चा में आए उन्नाव में करीब 15 दिन पहले एक बच्चे को अगवा किया गया। उन्नाव के बारासगवर के मलयपुर गांव निवासी दिनेश (30) पुत्र स्व. मोहन कोरी ने मां सरोजनी देवी के साथ मिलकर 15 दिन पहले अपने चचेरे भाई राकेश कोरी के चार वर्ष के बेटे छोटू को पहले अगवा किया फिर उसकी बलि दे दी। इसके बाद शव घर के पीछे दो फिट गहरे गड्ढ़े में गाड़ दिया। 15 दिन से लापता बेटे को तलाश रहे परिवार के लोगों की मजबूरी का भी उसने फायदा उठाने की कोशिश की और फोन से 50 हजार की फिरौती मांगी। बच्चे के पिता के लगातार पुलिस के संपर्क में होने से पुलिस ने सर्विलांस के जरिए मोबाइल नंबर ट्रेसकर आरोपी को पकड़ शव बरामद किया।
गांव की एक महिला को घर में खजाना दबा होने का सपना क्या आया, उसने बेटे की मदद से तांत्रिक बुलवाए और उनके कहने पर बच्चे की बलि दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चे का शव मौके से बरामद कर लिया है। घटना के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया बताया जा रहा है कि किसी ने मृतक बच्चे की चाची को बताया कि घर के अंदर खजाना गढ़ा हुआ है। चाची ने इसके लिए तांत्रिक की मदद ली, वहीं मौके पर पहुंचे तांत्रिक ने बताया कि खजाना तभी मिलेगा। जब यहां पर किसी बच्चे की बलि दी जाएगी। फिर तांत्रिक की मदद से चाची और मृतक के चचेरे भाई ने मिलकर चार वर्ष के बच्चे की घर में ही बलि दे दी। उसके शव को घर में ही दफना दिया। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने मृतक बच्चे की चाची और उसके चचेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया। मौके से फरार तांत्रिक की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
पुलिस बच्चे से कुकर्म का अंदेशा जता रही है जबकि गांव में बलि की चर्चा है। आरोपी पहले भी तंत्र मंत्र करता रहा है। पुलिस ने इस मामले में बच्चे की चाची और उसके चचेरे भाई को गिरफ्तार किया है। पुलिस घटना की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बच्चे के साथ कुकर्म के बाद हत्या की गई है। फिलहाल जांच की जा रही है।