देश की दिग्गज कारोबारी समूह टाटा अपने टेलिकॉम बिजनेस को समेटने की तैयारी कर रही है। टाटा समूह ने शनिवार को अधिकारिक तौर पर ट्वीट करके भारत सरकार/ डीओटी को सूचित किया है कि वह टाटा टेलीसर्विसेज (टाटा डोकोमो) को बंद करने जा रही है। कंपनी ने बताया है कि टेलिकॉम सर्विसेज को बंद करने की तैयारी शुरु हो चुकी है। संभव है कि अगले हफ्ते में वह टाटा डोकोमो की स्थायी सेवा बंद कर दे। वहीं कंपनी सूत्रों की माने तो टाटा समूह की टेलीकॉम सर्विसेज यूनिट लंबे समय से घाटे में चल रही है। इस यूनिट को बेचने में असफल रहने के बाद चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन अब इस कारोबार को समेटने पर ही विचार कर रहे हैं।
टाटा टेलिसर्विसेज समूह की पहली ऐसी कंपनी होगी, जो 149 सालों के इतिहास में बंद होगी। यदि यह टेलिकॉम कंपनी बंद होती है तो टाटा समूह की बैलेंस शीट पर गहरा असर पड़ेगा। समूह की इस कंपनी पर 34,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। यही नहीं कंपनी को कर्ज देने वाली संस्थाएं भी अब रकम वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं। संभवत: यह पहला मौका है, जब टाटा समूह की कोई कंपनी इस तरह के संकट में फंसी है।
वर्तमान में टाटा टेलिसर्विसेज के कुल 4.5 करोड़ सबस्क्राइबर्स हैं। भारतीय टेलीकॉम मार्केट में कंपनी की हिस्सेदारी 4 फीसदी की है। हालांकि कंपनी यदि अपने टेलिकॉम स्पेक्ट्रम को बेचती है तो उसे अपने कर्ज को घटाने में कुछ मदद मिलेगी। बता दें कि हाल ही में कंपनी की भारती एयरटेल और रिलायंस जियो से बातचीत चल रही थी, लेकिन आखिर में कोई नतीजा नहीं निकला। कंपनी के जापानी साझेदार डोकोमो की ओर से हाथ खींचे जाने के बाद से विकल्पों पर विचार चल रहा है। डोकोमो की टाटा टेलिसर्विसेज में 26 फीसदी की हिस्सेदारी थी। हालांकि, कंपनी ने ट्वीट में साफ किया है कि डोकोमो के बंद होने में उसके सबस्क्राइबर्स को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। उनको सेवा मिलता रहेगा।