अगर आप फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं और आपका पूरा दिन इसी के आस-पास घूमता रहता है, तो जरा सावधान हो जाइए. क्योंकि हो सकता है जिस सोशल मीडिया को आप अपना अच्छा दोस्त मानते हैं, वही आपकी समस्याओं के पीछे की वजह हो. आज की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या कहीं न कहीं व्हाट्सएप और फेसबुक में ही उलझी रहती है. युवाओं के सोशल मीडिया पर हजारों की संख्या में दोस्त होते हैं लेकिन रियल लाइफ में रिश्तों की कोई समझ नहीं है. बच्चों से लेकर बड़े तक चाहे घर हो या ऑफिस हर किसी की लाइफ सोशल मीडिया के आस-पास ही घूमती रहती है. आज भले ही आप फेसबुक को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हों लेकिन ब्रिसबेन में हुए एक रिसर्च में इसे स्ट्रेस और टूटते रिश्तों का बड़ा कारण माना गया है.
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड में हुई एक रिसर्च का दावा है कि अगर आप फेसबुक का यूज कम कर देते हैं या बंद कर देते हैं तो आपकी लाइफ स्ट्रेस फ्री हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड में हुई इस रिसर्च में 138 लोगों को शामिल किया गया. जिन्हें दो ग्रुप में विभाजित कर दिया गया. जिनमें से एक ग्रुप में उन लोगों को रखा गया जिन्हें फेसबुक से दूर रखा गया तो वहीं दूसरे ग्रुप को फेसबुक एक्सेस दिया गया.
पांच दिनों बाद रिसर्च कंप्लीट होने के बाद देखा गया कि जिन लोगों को फेसबुक एक्सेस नहीं दिया गया था उनमें स्ट्रेस हार्मोन कोर्टेसोल स्तर में काफी कमी आई है. इसके अलावा जिन लोगों को फेसबुक का एक्सेस दिया गया था उनमें स्ट्रेस हार्मोन कोर्टेसोल का लेवल बढ़ा हुआ था. साथ ही इन लोगों के ब्रेन और इम्यून सिस्टम में कमजोरी दर्ज की गई और वजन पर भी इसका असर देखा गया है. सोशल मीडिया पर ज्यादा देर तक एक्टिव रहने से जहां एक ओर वजन बढ़ता है तो वहीं दूसरी ओर स्ट्रेस भी बढ़ता है.
इस रिसर्च को स्कूल ऑफ साइकोलॉजी के सीनियर लेक्चरर प्रो. एरीक वैनमैन ने लीड किया. उनके अनुसार जिन लोगों ने इन पांच दिनों के दौरान फेसबुक यूज नहीं किया था उनमें शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी सुधार देखा गया. उनके अनुसार सिर्फ फेसबुक ही नहीं इसके अलावा जो भी सोशल साइट्स हैं जिनसे दूर रहकर भी स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है.