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कांग्रेस के ‘लिंगायत दांव’ को ‘गौरक्षा कार्ड’ से काटेगी बीजेपी!

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस की ओर से लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने का पासा फेंके जाने के बाद से विपक्षी पार्टी बीजेपी अलग-अलग दांव खेल रही है. ‘सबका साथ-सबका विकास’ नारे के साथ केंद्र की सत्ता में आई बीजेपी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में गौरक्षा के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ने की तैयारी में है. कर्नाटक विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष केएस. ईश्‍वरप्‍पा ने बताया कि अगर विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिलती है तो गायों के अच्छे दिन आ जाएंगे. उन्होंने साफ तौर से कहा कि चुनाव प्रचार में गौरक्षा के मुद्दे को जोरशोर से उठाएंगे.

ईश्‍वरप्‍पा ने कहा था कि बीजेपी के सत्ता आते में आने पर मवेशियों की तस्‍करी और अवैध तरीके से काटने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून लाया जाएगा. उन्‍होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के सत्‍ता में रहते हुए कर्नाटक गौहत्‍या रोकथाम एवं संरक्षण (संशोधन) विधेयक लाया गया था. इसके तहत भारतीय संस्‍कृति में पूजनीय गायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया था. ईश्‍वरप्‍पा ने बताया कि विधानसभा ने विधेयक को पारित कर दिया था, लेकिन तत्‍कालीन राज्‍यपाल और कांग्रेस नेता हंसराज भारद्वाज के असहयोग के कारण यह कानून नहीं बन सका था.

मतदान 12 मई को, मतगणना 15 मई को
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 12 मई को होगा. चुनाव एक ही चरण में होंगे. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी.रावत ने संवाददाताओं से कहा, “चुनाव के नतीजों की घोषणा 15 मई को की जाएगी.” उन्होंने कहा कि अधिसूचना की तारीख 17 अप्रैल है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 24 अप्रैल है. नामंकन पत्रों की जांच 25 अप्रैल को होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल है.

कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं. विधानसभा का कार्यकाल 28 मई को समाप्त हो रहा है. वर्तमान में कांग्रेस राज्य की सत्ता में है. कांग्रेस के पास 122 व भाजपा के पास 43 सीटें हैं.

भाजपा कर्नाटक को दक्षिण के प्रवेशद्वार के तौर पर देख रही है, जहां वह अपने आधार को बढ़ाना और 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोकसभा सीटों के लिए अपनी जड़ें जमाना चाहती है. भाजपा यहां 2008 से 2013 तक सत्ता में रही थी.

कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश कर रही है.

रावत ने कहा, “कर्नाटक के सभी 224 विधानसभा क्षेत्र में 56,696 मतदान केंद्रों पर ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाए जाएंगे. कंट्रोल यूनिट से प्राप्त नतीजों के सत्यापन के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदाता केंद्र से वीवीपैट पेपर स्लिप चुनकर गिने जाएंगे.”

उन्होंने कहा कि राज्य में उम्मीदवारों के खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख रुपये तय की गई है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के लिए खर्च की कोई सीमा तय नहीं की गई है.

उन्होंने कहा, “ऐसा पहली बार हो रहा है कि सभी विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं द्वारा नियंत्रित एक मतदान केंद्र बनाए जाएगा, जहां पुलिस, सुरक्षाकर्मी से लेकर सभी कर्मचारी महिलाएं होंगी.” कर्नाटक उन आठ राज्यों में से एक है, जहां इस साल चुनाव होने हैं. बीते महीने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव हुए थे.

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