जैसे-जैसे कर्नाटक चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, मुकाबला और ज्यादा रोमांचकारी हो रहा है. मुख्य दल बीजेपी और कांग्रेस के अलावा जनता दल (एस) समेत अन्य दलों के बीच एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए हर फार्मूला अपनाया जा रहा है. राजनीति के इस दंगल के रोमांच का आलम यह है कि दो भाई ही एकदूसरे के खिलाफ एक ही सीट पर ताल ठोक रहे हैं. कर्नाटक में 224 सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को परिणाम घोषित किए जाएंगे.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एस. बंगारप्पा के दो बेटे कुमार बंगारप्पा और मधु बंगारप्पा विधानसभा चुनाव में एकदूसरे को चुनौती पेश कर रहे हैं. दोनों भाई ही दक्षिण भारत की फिल्मी दुनिया की हस्ती रहे हैं. फिल्मी दुनिया से पिता की विरासत संभालने के लिए राजनीति में आए बंगारप्पा बंधु अलग-अलग दलों से चुनावी समर में उतर रहे हैं. बड़े भाई कुमार बंगारप्पा को बीजेपी ने शिमोगा जिले की सोरब विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है, तो उनके छोटे भाई मधु बंगारप्पा भी सोरब से जनता दल (एस) से मैदान में हैं.
कुमार बंगारप्पा
कुमार बंगारप्पा बतौर कन्नड और तेलगू फिल्मों में काम किया है. 80-90 के दशक में वह एक्शन हीरो के तौर पर जाने जाते थे. उन्होंने करीब दो दर्जन फिल्मों में काम किया. कुमार ने 1996 में राजनीति में कदम रखा. शिमोगा जिले की सोरब सीट पर 1996 में हुए उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की और अपने पिता का प्रतिनिधित्व किया. कुमार के पिता एस. बंगारप्पा 1967 से 1994 तक लगातार 7 बार विधायक रहे और 1996 में लोकसभा के लिए चुने जाने पर उन्होंने यह सीट छोड़ दी और अपने बेटे के राजनीति में आने की राह खोल दी.
1999 में कुमार इस सीट से फिर कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए. इतना ही नहीं 2004 में उन्होंने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की और एसएम कृष्णा सरकार में मंत्री बने. 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने छोटे भाई मधु बंगारप्पा को मात देकर विजय हासिल की थी. कुछ समय बाद उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. लेकिन यहां वे केवल 20 दिन रहे और फिर से कांग्रेस में चल गए. 2008 में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए. यहां तक कि उनका भाई मधु भी समाजवादी के टिकट चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों भाई बीजेपी के हरतालू हलप्पा के हाथों हार गए. इस बार वह फिर बीजेपी के टिकट पर सोरब से चुनाव मैदान में हैं.
मधु बंगारप्पा
मधु बंगारप्पा कुमार के छोटे भाई हैं और राजनीति में आने से पहले फिल्म निर्माता रहे हैं. कुछ फिल्मों में उन्होंने बतौर हीरो काम भी किया. मधु बंगारप्पा 2013 सोरब सीट से जनता दल (एस) के टिकट पर चुनाव लड़े और बीजेपी के हलप्पा को हराकर विधायक चुने गए. इस बार वह फिर से जनता दल (एस) के टिकट पर चुनावी समर में उतर रहे हैं.
जग जाहिर है दोनों भाइयों के बीच विवाद
बंगारप्पा बंधुओं के बीच विवाद कोई नया नहीं है. 2004 के चुनाव में दोनों भाई एक-दूसरे के सामने आ चुके हैं, लेकिन जीत बड़े भाई ने हासिल की. बताया जाता है कि मधु ने अपने भाई को कई मामलों में पटखनी देने के लिए अपनी बहन के साथ मिलकर कई बार प्लान भी बनाए थे.
उधर, कुमार बंगारप्पा बीजेपी से टिकट मिलने के बाद प्रचार अभियान में पूरी तरह से जुट गए हैं. उन्होंने बताया कि उनके भाई ने विधायक रहते हुए इस इलाके में कुछ भी काम नहीं किया है. साथ ही कांग्रेस ने भी सोरब को पूरी तरह से नजरअंदाज किया. इससे यहां की जनता में कांग्रेस और जनता दल (एस), दोनों को लेकर खासा आक्रोश है.
इस पर मधु बंगारप्पा का कहना है कि सोरब की जनता कुमार को पहले ही नकार चुकी है. इस पर जब से उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की तो जनता का बचा हुआ विश्वास भी खो दिया. मधु ने कहा कि 2013 में चुनाव हारने के बाद कुमार इस क्षेत्र में आए भी नहीं है, इसलिए उनका यहां की जनता से पूरी तरह से संबंध खत्म हो गया है.