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नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को ठिकाने लगाने के लिए लोगों ने निकाला नया तरीका

सीमा शुल्क विभाग ने पुराने नोटों को विदेश भेजने के एक नए तरीके को पकड़ा है। बहुत से लोग अब बंद हो चुके 500 और 1,000 के नोट कुरियर के जरिये विदेश भेज रहे हैं जिससे बाद में इन्हें यहां बदला जा सके। सरकार ने पिछले साल नवंबर में इन ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद कर दिया था। प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को इन नोटों को बदलने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने कुछ मामले दर्ज किए है जिनमें बंद नोटों को कुरियर के जरिये विदेश भेजा गया है। विभाग ने ऐसे एक लाख रुपए से अधिक नोट जब्त किए हैं। अधिकारी ने बताया कि लोग पुराने नोटों को कुरियर के जरिये विदेश भेज रहे हैं। वे किताब आदि के नाम पर कुरियर के जरिये नोट भेज रहे हैं। इसका मकसद यह हो सकता है कि विदेश में उनके दोस्त या रिश्तेदार पुराने नोटों को बदलवा सकें। दो मामलों में पंजाब से आस्ट्रेलिया के लिए बुक कराए गए कुरियर में यह बताया गया कि इसमें किताब है।

डाकघरों में विदेश भेजे जाने वाले पार्सलों पर निगाह रख रहे सीमा शुल्क अधिकारियों ने जांच में पाया कि उनमें पुराने नोट थे। इसी तरह कोरिया तथा संयुक्त अरब अमीरात भेजे जा रहे कुरियर में भी पुराने नोट मिले हैं। अधिकारी ने बताया कि कुल मिलाकर इन कुरियर से एक लाख रुपए से अधिक के पुराने नोट जब्त किए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था। पुराने नोट जमा कराने की लगभग साढ़े तीन महीने की अवधि के बावजूद कई लोगों के पास अभी भी पुराने नोट रह गए हैं। उन्‍हें अब कुछ समझ नहीं आ रहा कि इन नोटों का क्‍या किया जाए। नोटबंदी से देश की अर्थव्‍यवस्‍था के लगभग 85 प्रतिशत नोट चलन से बाहर हो गए थे। इसमें 8.58 लाख करोड़ रुपये 500 रुपये के नोट थे और 6.86 लाख करोड़ रुपये के 1000 रुपये के नोट थे।आरबीआई ने हाल ही में एटीएम से पैसे निकालने की सीमा को हटाया है।

केंद्र सरकार 500 व 2000 रूपये के बैंक नोटों के सुरक्षा फीचर में हर 3-4 साल में बदलाव करने की सोच रही है ताकि जाली नोटों की समस्या पर लगाम लगाई जा सके।

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