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पुलिस ने GJM प्रमुख के आवास पर मारा छापा

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जेजीएम) द्वारा उत्तरी पश्चिम बंगाल की पहाड़ियों में आयोजित अनिश्चितकालीन बंद के बीच पुलिस ने गुरुवार को जेजीएम प्रमुख बिमल गुरंग के आवास पर छापेमारी कर हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है। दार्जलिंग जिले के पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चतुर्वेदी ने आईएएनएस को बताया, “सुबह से बिमल गुरंग के घर में छापेमारी चल रही है। कई हथियार बरामद किए जा चुके हैं।” पुलिस सूत्रों के अनुसार बिमल के घर से हथियारों का बड़ा जखीरा और साथ ही तीर कमान, चाकू, कुल्हाड़ियां और कारतूस बरामद किए गए हैं। अचानक की गई इस छापेमारी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि ऐसे कदमों से पहाड़ियों में स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बंगाल की पहाड़ियों की स्थिति सुधारने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया। सिन्हा ने दावा किया, “ममता बनर्जी ने पहाड़ियों में अशांति को हवा दी है और अब वह ऐसे कदमों से स्थिति को और बिगाड़ रही हैं। उनकी मांगें सुनने और स्थिति सुधारने के लिए उन्हें दार्जलिंग में तत्काल एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।” हालांकि उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि भाजपा जीजेएम की अलग गोरखालैंड राज्य की मांगों का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “हमने गोरखालैंड की मांग का कभी समर्थन नहीं किया और न ही अब कर रहे हैं।”

छापेमारी की कार्रवाई बिमल गुरुंग के उस ऐलान के एक दिन बाद की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अलग गोरखालैंड के लिए आंदोलन किसी भी कीमत पर जारी रहेगा। बुधवार को उन्होंने कहा था, “गोरखालैंड आंदोलन हमारे समुदाय के विकास की लड़ाई है। अन्य मांगें बाद में भी पूरी की जा सकती हैं, लेकिन हमारे लिए समुदाय की स्वतंत्रता पहले है। अगर समूचे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)

क्षेत्रीय पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने 12 जून  को उत्तरी पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में एक अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया था। दार्जिलिंग व कालिम्पोंग में हड़ताल का आह्वान करने के वाले जीजेएम नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल सरकार पर पहाड़ी क्षेत्र के लोगों के साथ ‘मनमानी व अत्याचार करने’ का आरोप लगाया था। जीजेएम क्षेत्र में नेपाली बोलने वाले लोगों पर ‘बांग्ला भाषा थोपने के प्रयास’ के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ी क्षेत्र के लिए ऐसी किसी तरह की योजना से इनकार किया है।

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