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बाघ के पंजे से साथी को बचाकर ले आई महिला

ब्रिटेन के हमर्टन में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां पर स्थानीय चिड़ियाघर में एक बाघ ने महिला संचालक पर हमला कर दिया, जिससे कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस महिला संचालक की पहचान 33 वर्षीय रोज़ा किंग के रूप में की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रोज़ा किंग ने अपने सहकर्मी के चिल्लाने की आवाज़ सुनी, जिसके बाद वह उसकी तरफ भागी तो उसने देखा कि एक बाघ अपने घेरे से बाहर भागने की कोशिश कर रहा था। रोज़ा ने बाघ को बाड़े के बाहर आने से रोकने के लिए अपने सहकर्मी की मदद की, कि तभी चीते ने उसपर हमला कर दिया। बाघ रोज़ा पर तबतक हमला करता रहा जबतक की वह मर नहीं गई। रोज़ा पर हमला होता देख उसकी सहकर्मी चिल्ला पड़ी। सहकर्मी की चीख सुनकर चिड़ियाघर के अन्य कर्मी वहां पहुंचे और वे भी चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे जिससे कि बाघ ज्यादा बेकाबू हो गया।

इसके बाद कर्मचारियों ने मांस की एक बाल्टी बाघ के आगे डाल दी, जिससे कि वे उसे काबू में करने की कोशिश कर सकें। एक चश्मदीद ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह केवल उस महिला कर्मी के चिल्लाने के कारण हुआ। अगर वह इतनी बुरी तरह से नहीं चिल्लाती तो रोज़ा किंग आज जिंदा होती। रोज़ा के फोटोग्राफर दोस्त गैरी क्रिसहोम ने कहा कि मैंने अपनी बहुत ही अच्छी दोस्त को खो दिया है। रोज़ा को जानवरों से बहुत प्यार था। उसे क्या पता था कि एक दिन जानवरों से प्यार करना उसकी जान ले लेगा। गैरी ने बताया कि रोज़ा बाघों के साथ उनके पिंजरे में फुटबॉल भी खेला करती थी। यह हादसा सभी के लिए बहुत ही दुखद है।

रोज़ा अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर बाघों को बचाने के लिए फंड भी इकट्ठा कर रही थी, जिसे वह 6 जुलाई को बाघ कंसर्वेशन फंड में देने वाली थी। इस हादसे के बाद रोज़ा का परिवार भी सदमें में है।  वहीं इस मामले पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमने चिड़ियाघर को पूरी तरह से देख लिया है, यहां से कोई भी जानवर भागा नहीं है। उन्होंने बताया कि फिलहाल चिड़ियाघर को बंद रखा गया है। इस मामले की पूरा जांच की जा रही है और जल्द ही सभी को हादसे की पूरी जानकारी दी जाएगी।

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