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लद्दाख रेजिमेंट के जवानों को राष्‍ट्रपति ने दिया दुर्लभ सम्‍मान…

पड़ोसी देश चीन के साथ भारत का डोकलाम विवाद अभी भी बना हुआ है। ऐसे में हाल के दिनों में चुने गए भारत के नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज (21 अगस्त) जम्मू-कश्मीर दौर पर पहुंचे हैं। राष्ट्रपति कोविंद एक दिन यहां ठहरेंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद का दिल्ली से बाहर पहला दौरा है। वहीं जम्मू-कश्मीर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, राज्यपाल एनएन वोहरा, वरिष्ठ मंत्री सहित भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने राष्ट्रपति का जोरदार स्वागत किया। बता दें कि राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर भी होते हैं, जोकि सीधे एयरपोर्ट से स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर पहुंचने। जहां उन्हें परेड ने सलामी दी।

साथ ही रेजिमेंट और इसकी पांच बटालिलयोंने को राष्ट्रपति कोविंद ने कलर्स प्रदान किए। प्रेसीडेंट कलर्स युद्ध व शांति काल दोनों के दौरान असाधारण सेवा देने के सेना की एक ईकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘मैंने अपने पहले दौरे के लिए जम्मू एवं कश्मीर के खूबसूरत लेह को चुना और मैं हमारे सैनिकों के बीच में बहुत खुश हूं।’ कोविंद ने स्काउट्स से हिंदी में कहा, ‘सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते यह दौरा जवानों को समर्पित है।’ लद्दाख के स्काउट्स की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने उनके 1947-48 के संघर्ष, चीन से 1962 के युद्ध, पाकिस्तान से 1971 के युद्ध व 1999 के कारगिल संघर्ष में उनकी बहादुरी को याद किया।

उन्होंने कहा कि सबसे कठिन जलवायु परिस्थितियों में से एक में तैनात आपकी बहादुरी आपकी संख्या से बड़ी है। हमने सभी परिस्थितियों में अपने राष्ट्र की संप्रभुता की सुरक्षा का प्रण लिया है। मुझे विश्वास है कि हम इसे पूरा करेंगे और अपने देश के सम्मान व गर्व को बनाए रखेंगे। यह दौरा लद्दाख में पैंगोंग झील के निकट चीनी जवानों के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास घुसपैठ की कोशिश के दौरान चीन व भारतीय सैनिकों में हुई झड़प के कुछ दिनों बाद हुआ है। चीन की सेना ने बीते दिनों पैंगोंग झील इलाके में भारत की जमीन पर अतिक्रमण किया था। जहां दोनों तरफ से एक दूसरे देश के सैनिकों ने पत्थर फेंके थे। हालांकि बाद में चीन की सैनिक वापस अपनी जगह पर चले गए।

आपको बता दें कि बीते दिनों हुए राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को सात लाख दो हजार 644 वोट मिले थे। जबकि मीरा कुमार को तीन लाख 66 हजार 314 वोट मिले थे। इस हिसाब से रामनाथ कोविंद को 65.35 फीसदी वोट मिले और मीरा कुमार को 34.35 फीसदी वोट मिले। सोमवार (17 जुलाई) को देश के 32 मतगणना स्थलों पर राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई को पद की शपथ ली थी।

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