कर्नाटक के रहने वाले मोहम्मद शफी अमरान को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है। शफी अरमान पर भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए काम करने का मामला दर्ज किया था। अमेरिका के वित्त मंत्रालय की तरफ से गुरुवार (15 जून) को जारी किए गए बयान में शफी अरमान को विशेष तौर पर तैनात अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी कहा गया है। बयान के अनुसार शफी अरमान से किसी भी तरह का “लेन-देन या कारोबार” करना प्रतिबंधित है।
अमेरिकी मंत्रालय ने शफी अरमान के साथ ही इस्लामिक स्टेट से जुड़े तीन अन्य आतंकवादियों इसा अल-बिनाली (बहरीन), उमर अल-कुबैसी (इराक) और ओसमा अहमद अतर (बेल्जियम) को भी “विशेष तौर पर तैनात अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी” घोषित किया है। अमेरिकी प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों में करीब एक दर्जन आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय आंतकवादी घोषित किया है।
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के अनुसार इन चारों आतंकवादियों के आपस में जुड़े होने के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। सूत्रों के अनुसार अल-बिनाली बहरीन के गृह मंत्रालय में अधिकारी के तौर पर काम कर चुका है। वो साल 2014 में इस्लामिक स्टेट के एक वीडियो में नजर आया था जिसमें उसने रियासत के लोगों से बगावत की अपील की थी। अल-कुबैसी की वित्तीय लेन-देन कराने वाली कंपनी अल-कवतार पर भी गुरुवार को प्रतिबंध लगााया गया है। कुबैसी की कंपनी ने साल 2015 और 2016 के दौरान इस्लामिक स्टेट का 2.5 करोड़ डॉलर का वित्तीय प्रबंधन संभाला था।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में ये नहीं बताया है कि उसने शफी अरमान एवं अन्य आतंकवादियों को किस आधार पर ग्लोबल आतंकवादी घोषित किया है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार अमेरिकी सरकार के बयान से लगता है कि वो शफी अरमार को आंतकवादियों को पैसा मुहैया कराने वाले के तौर पर देखते हैं न कि सीधे आतंकवादी कार्रवाई को अंजाम देने वाले के रूप में।
साल 2015 में भारतीय जांच एजेंसी एनआईए ने शफी अरमार ने नाम बदलकर मुंबई के मुदब्बीर अहमद शेख से संपर्क किया था। अहमद शेख पर 10 लाख डॉलर से भारत में इस्लामिक स्टेट का नेटवर्क तैयार करने की कोशिश का मामला चल रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में शफी अरमान की पिछले साल एक हवाई हमले में मौत की गलत खबर भी चली थी।