अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि दुनिया के तीन महान धर्मों से संबद्ध देशों की उनकी आने वाली विदेश यात्रा का लक्ष्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभ्य देशों को एकजुट करना है। सऊदी अरब, इस्राइल, वेटिकन, बेल्जियम और इटली सहित नौ देशों की यात्रा पर रवाना ट्रंप ने अपने सप्ताहिक वेब और रेडियो के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए कहा कि वह अमेरिका के लोगों के विचारों का स्पष्ट और साफ तौर पर प्रतिनिधित्व करेंगे।
ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं विभिन्न देशों के नेताओं के साथ हमारी पुरानी दोस्ती को मजबूत करने, नई साझेदारियां तैयार करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभ्य देशों को एकजुट करने के लिए यात्रा करूंगा।’’
राष्ट्रपति की यात्रा से पहले ही यह संबोधन रिकॉर्ड हो गया था और उनके रियाद रवाना होने के बाद यह जारी किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सबसे पहले मुस्लिम दुनिया के दिल सऊदी अरब में रूकूंगा। मैं दुनिया के 50 से ज्यादा मुस्लिम देशों के नेताओं को संबोधित करूंगा।
ट्रंप ने कहा कि दुनिया के कई नेताओं ने बढ़ते आतंकवाद को लेकर, कट्टरपंथी सोच के फैलाव और ईरान के इन दोनों का वित्त पोषण करने को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘‘अब ऐसा सामने आया है कि मुस्लिम नेता अपने क्षेत्रों में आतंकवाद से लड़ाई के लिए ज्यादा जिम्मेदारी लेने और अहम योगदान अदा करने के लिए तैयार हैं। अब समय आ गया है कि हम साथ मिलकर इसे करेंगे।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘अमेरिका दुनिया की सारी समस्याओं का हल नहीं कर सकता है। लेकिन धरती से आतंकवाद को खत्म करने के संयुक्त लक्ष्य में शामिल होने वाले किसी भी देश की मदद कर सकता है और करेगा।’’
सऊदी अरब में राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत करने के लिए यरूशलम के प्राचीन शहर की यात्रा करेंगे। यह यात्रा दोनों ही देशों में शांति बहाली और समद्धि के लिए होगी। राष्ट्रपति का अगला पड़ाव वेटिकन होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि वहां पोप फ्रांसिस का श्रोता के रूप में मौजदू होना उनके लिए सम्मान की बात होगी।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं दोस्तों और सहयोगियों से नाटो के समारोह में ब्रसेल्स और इटली में होने वाले जी-7 सम्मेलन में मिलूंगा।’’