FATF puts Pakistan in ‘Gray List’, Outraged Pakistan.
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इस्लामाबाद।
पेरिस स्थित बहुपक्षीय संगठन वित्तीय कार्यवाही बल अंतर सरकारी संस्था FATF का गठन 1989 में किया गया था। यह धन को अवैध तरीके से एक देश से दूसरे देश भेजने, आतंकवाद को आर्थिक मदद देने और वैश्विक आर्थिक ढांचे के लिए अन्य खतरनाक तरीकों पर नजर रखता है। FATF ने आतंकवादी संगठनों को धन उपलब्ध कराने के रास्ते बंद करने की पाकिस्तान की योजना को भरोसेमंद नहीं माना है और इस मामले में पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने वाले देशों की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में FATF की फरवरी माह में हुई बैठक में डाल दिया गया है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने FATF से अपने देश पाकिस्तान को संदिग्धों की सूची में न रखने का आग्रह किया था। FATF का अधिवेशन पाकिस्तान द्वारा पेश की गई कार्ययोजना पर कार्यवाही के साथ शुरू हुआ। पाकिस्तान ने ग्रे सूची में खुद को रखने से बचाने के लिए धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को समाप्त करने के लिए उठाए गए अपने कदमों की जानकारी दी। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को आधिकारिक रूप से संदिग्ध सूची में रखना देश के लिए हैरानीपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक फैसला है और इसका आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है।
आतंकवाद को पालने वाला पाकिस्तान ‘ग्रे सूची’ में डाले जाने के बाद बौखलाहट में भारत पर उल्टा आरोप लगा रहा है। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहम्मद आजम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एफएटीएफ पर अमेरिका और भारत का अत्यधिक दबाव है। आजम ने आगे कहा कि इन देशों ने चीन और सऊदी अरब पर भी दबाव डाला है कि वह पाकिस्तान की मदद ना करें और ना ही इस मामले में कोई हस्तक्षेप करें।