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गूगल AI ड्रोन्स की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए नहीं: पिचाई

Google AI drops do not increase firepower: Pichai

      

वॉशिंगटन।

गूगल हथियारों और निगरानी करने वाले उपकरणों के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक विकसित नहीं करेगी। गुरुवार को भारतीय मूल के गूगल सीईओ पिचाई ने ब्लॉग में लिखा- ”गूगल हथियारों या उन तकनीकों में एआई का प्रयोग नहीं करेगी। जो निगरानी के लिए जानकारी इकट्ठा करती हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों का उल्लंघन करती हो या जिससे लोगों को किसी भी तरह की चोट पहुंचे। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के खिलाफ हो। हम साफ करना चाहते हैं कि हथियारों के लिए AI विकसित नहीं होने देंगे, पर सरकारों और सेनाओं के साथ कई क्षेत्रों में जुड़े रहेंगे। इनमें साइबर सिक्युरिटी, ट्रेनिंग, सैन्य भर्ती, बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल, खोज और राहत-बचाव शामिल हैं। ऐसे मामलों में हमारा सहयोग अहम होता है। नागरिकों और सेनाओं की सुरक्षा के लिए सेवाओं को बढ़ाएंगे।”
दरअसल, गूगल अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन के साथ तस्वीरों के विश्लेषण से जुड़े AI प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। जिसके जरिए अमेरिका अपने ड्रोन्स की मारक क्षमता को बढ़ाना चाहता है। गूगल के कर्मचारियों ने इसके खिलाफ मुहिम चलाकर एक लेटर पर हस्ताक्षर किए थे। अब गूगल ने इस प्रोजेक्ट को रोकने का फैसला लिया है। गूगल के करीब 4 हजार कर्मचारियों ने ‘मेवेन प्रोजेक्ट’ के खिलाफ लेटर पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें कहा गया था कि हथियारों के निर्माण लिए @GoogleAI ‏प्रोजेक्ट कंपनी के सिद्धांतों के खिलाफ है। हमें युद्ध के कारोबार में नहीं उतरना चाहिए।
इसके बाद सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों में बढ़ती नाराजगी और उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए AI प्रोजेक्ट को रोकने का फैसला किया है। यह प्रोजेक्ट पेंटागन के साथ चल रहा है और 2019 में खत्म होगा।

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