Know Rahul Gandhi the complete truth of calling RSS a Muslim Brotherhood.
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कुछ दिनो से लगातार RSS को अपना निशाना बनाए हुए हैं। हिंदू मंदिरों में भी उनका आना जाना बढ़ा है। जहां गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिली वहीं सत्ता विरोधी लहर को धता बताते हुए कर्नाटक में गठबंधन की सरकार बनाने में सफल रही। आपको बता दे कि इन दोनो राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी का मंदिरों में जाते रहने के फायदा मिलते हुए भी दिखा।
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदुत्वादी संगठन आरएसएस को अपना निशाना बनाकर कट्टर हिंदुत्व व सनातन धर्म का अंतर बताना चाहते हैं। इसी रणनीति के उनिसार उन्होंने संघ को अपना निशाना बनाया। इससे पहले भी कई बार उन्होंने लंदन में कहा है कि संघ की विचारधारा भारत के विचारों का खंडन करती है, जबकि भारतीय समाज अपने ढांचे में बहुलतावादी है। 2014 के लोकसभा चुनावों में व उसके बाद हुए कई विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद से ही कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व वाले वोटर को आरएसएस व बीजेपी से अलग करके अपनी तरफ मिलाने की कोशिश में थी।
वहीं लंदन में राहुल गांधी ने आईआईएसएस के एक कार्यक्रम में भी यही बात कहने की कोशिश की थी। शुक्रवार को भी उन्होंने आरएसएस की तुलना सुन्नी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी। जिसमें उनका कहना था कि आरएसएस भारत के हर संस्थान पर कब्जा करना चाहता है और वह देश के स्वरूप को ही बदल देना चाहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र का सबसे पुराना व सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है। 1928 में हसन अल-बन्ना ने इसकी स्थापना की थी। दरअसल मुस्लिम ब्रदरहुड का एक मुख्य मकसद है कि देश का शासन इस्लामी कानून के आधार पर चलाना है और अरब देशों में सक्रिय इस संगठन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगता रहा है। फिलहाल इस संगठन को मिस्र में अवैध का नाम दिया जा चुका है।
आपको बता दे कि राहुल गांधी का कहना है कि आरएसएस देश को अपने अधिनायकवादी विचारों से संचालित करना चाहता है। और यही कारण है कि लंदन में राहुल गांधी ने कहा कि हम आरएसएस मान के एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं जो भारत के मूल स्वरूप को बदलने की आड़ में है। भारत में देश के संस्थानों पर कब्जा जमाने वाला ऐसा कोई दूसरा संगठन नही है। इसके आगे उन्होंने कहा कि हम जिससे लड़ रहें हैं वह एकदम ही नया विचार है जो अरब में मुस्लिम ब्रदरहुड के रूप में है, और इस खास विचार को प्रत्येक संस्थान को संचालित करना चाहिए और बाकी सभी विचारों को कुचल देना चाहिए। हालांकि राहुल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों की प्रतिक्रिया को लेकर व पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन र नोटबंदी के झटके लेकर उदाहरण दिया। वहीं इसके आगे राहुल गांधी ने कहा कि आप देख सकते हैं कि कैसे संस्थानों को एक एक करके तोड़ा जा रहा है।
वही राहुल गांधी इसी क्रम मे आगे बढ़ते हुए कहा कि नोटबंदी का फैसला सभी संस्थानों की अवहेलना कर लिया गया। क्या आप जानते हैं कि कुछ हफ्ते तो अर्थशास्त्रियों को यह समझने में लग गए कि हुआ क्या है। न तो रिजर्व बैंक से बात की गई और ही वित्त मंत्री इसके बारे में जानते थे। इसका विचार सीधे आरएसएस से आया था।
गौरतलब है कि राहुल गांधी के इस हमले पर भाजपा व आरएसएस दोनों ने ही राहुल गांधी पर वार किया। जहां भाजपा ने कहा है कि राहुल गांधी अपने ऐसे बयानों से विदेशों में भारत की छवि खराब कर रहे हैं। वहीं आरएसएस ने राहुल के आरोपों का पलटवार करके धर्म का मतलब भाईचारा बताते हुए कहा कि धर्म का अर्थ हर किसी को जोड़ने का होता है न कि बांटने का।