Know which road to black money reaches Swiss banks?
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काले धन और स्विस बैंक का सम्बन्ध चोली दामन का हैं, जब भी कालेधन का मुद्दा भारत में उछला तब तब स्विस बैंकों का नाम आता है। पिछले साल स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 50 फ़ीसदी बढ़कर सात हज़ार करोड़ रुपए पर पहुंच गया। ये आंकड़े खुद स्विस नेशनल बैंक ने जारी किए हैं। अब जाहिर सी बात हैं इस बात पर राजीनीति भी होनी थी और जुबानी जंग भी।
मोदी सरकार का कालेधन को भारत में वापिसी पर चुनाव जीतना एक प्रमुख करक था मगर अब जब ये आंकड़े सामने ए हैं तो उनकी सरकार पर चौतरफा हमला हो रहा हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक साल 2016 मोदी सरकार के लिए राहत लेकर आया था क्योंकि इस साल स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 45 फ़ीसदी घट गया था।
इस तरह से विदेशों में जमा भारतीय धन से जुड़े आंकड़ों के बीच 2 सवाल हर हिंदुस्तानी के मन में उठता हैं – 1. काला धन जमा करने को लेकर ज़्यादातर लोग स्विट्ज़रलैंड और वहां के बैंकों को ही क्यों चुनते हैं और 2. ये काला धन स्विस बैंकों तक पहुंचता कैसे है?
पहले जवाब ये हैं कि बैंक गोपनीयता कानून की धारा 47 के अनुसार स्विट्जरलैंड के हर बैंक का कर्मचारी, अधिकारी, बैंकिंग संबंधित संस्थाएं, एजेंट, लेखा-परीक्षक (ऑडिटर) और स्वयं बैंक निगरानी आयोग के सदस्य और कर्मचारी भी गोपनीयता को बनाये रखने के लिए बाध्य हैं। इन बैंकों ने पिछले तीन सौ साल से ये सीक्रेट छिपाए हुए हैं। स्विट्ज़रलैंड में अगर बैंकर अपने ग्राहक से जुड़ी जानकारी किसी को देता है, तो ये अपराध है। जिस वजह से स्विस बैंक उनकी पहली पसंद हैं। लेकिन आतंकवाद, भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी के बढ़ते मामलों की वजह से स्विट्ज़रलैंड अब उन खातों के आग्रह ठुकराने लगा है, जिनकी जड़े गैर-कानूनी होने का संदेह है। इस तरह के धन या खाते जिन पर इन बैंक को संदेह हो कि ग़ैर-कानूनी है, वो सम्बंधित देशों के साथ जानकारी साझा करते हैं।
दूसरा जवाब ये हैं कि 18 साल से ज़्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति स्विस बैंक में खाता खोल सकता है, लेकिन अगर बैंक को ये संदेह हो जाय कि पैसा जमा कराने वाला व्यक्ति किसी ख़ास राजनितिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए ऐसा कर रहा है या जमा कराया जा रहा पैसा गैर-कानूनी है, तो वो आवेदन ख़ारिज कर सकता है। “नंबर्ड एकाउंट” में कोई नाम नहीं होता ये सिर्फ अपने खास नंबर से पहचाने जाते हैं। बैंक में कुछ ही लोग होते हैं जो ये जानते हैं कि बैंक खाता किसका है, लेकिन ये एकाउंट आसानी से नहीं मिलते। जो लोग पकड़े नहीं जाना चाहते, वो बैंक के क्रेडिट या डेबिट कार्ड या चेक सुविधा नहीं लेते। इसके अलावा इन बैंकों में अगर आपका खाता है और आप बंद करना चाहते हैं तो वो कभी भी बिना किसी चार्ज के बंद किया जा सकता है।
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