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पकिस्तान के इमरान बनने चले थे मोदी, और खा गए मुँह की

When Imran of Pakistan was going to become Modi.

   

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे इकोनॉमी री ओवरहालिंग का दावा किया था ठाक उसी प्रकार जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इकोनॉमी की ओवरहॉलिंग का दावा किया तो उन्हें मजबूरन कट्‌टरपंथियों के आगे झुकना पड़। आलम ये तक गया था कि इमरान सरकार को अपने द्वारा चुने गए एक अहमदी इकोनॉमिस्ट आतिफ मियां को स्वयं ही नौकरी से निकालना पड़ा था।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह सबकुछ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता में आने के सिर्फ 15 दिनों के अंदर ही देखने को मिला है। अब वहीं ऐसे में इमरान खान के नया पाकिस्तान बनाने के इरादों पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं। दरअसल अमेरिका स्थित प्रिंस्टन विश्वविद्यालय के इस मशहूर अर्थशास्त्री आतिफ मियां को इमरान सरकार ने अपना आर्थिक सलाहकार परिषद का सदस्य बनाया था। पर जब कट्‌टरपंथियों ने इसका विरोध जताया तो आतिफ मियां को इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया।

बता दे कि पाकिस्तान की खराब वित्तीय हालात को सही करने व देश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में एक इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया था। हालांकि इस एडवायजरी काउंसिल में विदेश में काम करने वाले कई पाकिस्तानी इकोनॉमिस्ट‌्स को भी जगह दी गई थी। जिनमें आतिफ मियां भी थे। हां वो बात और है कि आतिफ मियां पाकिस्तान के अहमदी समुदाय से आते हैं। और यही वो कारण है जिसके चलते देश की कट्‌टरपंथी पार्टियां उनके चयन का विरोध करने लगीं। इतना ही नही इस चयन के खिलाफ तो पाकिस्तान की संसद में प्रस्ताव भी लाया गया था। गौरतलब है कि पहले तो इमरान सरकार ने कहा कि वह कट्‌टरपंथियों के आगे नहीं झुकेगी, फिर सिर्फ 2 दिन के अंदर ही उसे अपना फैसला बदलना पड़ा।

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